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जयसुख पटेल ने मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (सीजेएम) एम जे खान की अदालत में आत्मसमर्पण कर दिया, जिसने उनके खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया था। गौरतलब है कि अजंता मैन्युफैक्चरिंग लिमिटेड (ओरेवा ग्रुप) माचू नदी पर ब्रिटिश काल के निलंबन पुल के संचालन और रखरखाव के लिए जिम्मेदार था, जो राज्य सरकार द्वारा गठित एक विशेष जांच दल की ओर से कई खामियों का हवाला देते हुए गठित किया गया था।
मामले में अब तक अजंता मैन्युफैक्चरिंग (ओरेवा ग्रुप) के चार कर्मचारियों सहित कम से कम नौ लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इनमें ओरेवा समूह के दो प्रबंधक और इतनी ही संख्या में टिकट बुकिंग क्लर्क शामिल हैं जो ब्रिटिश युग के पुल का प्रबंधन कर रहे थे।