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दो साल पहले, हमारी पार्टी के नेताओं और कार्यकर्ताओं पर हमला किया गया था, उनके वाहनों में तोड़फोड़ की गई थी। उनमें से कुछ को अवैध रूप से सलाखों के पीछे डाल दिया गया था। राज्य में लोकतंत्र का बुरा हाल है, और हमारे नेता और सदस्य इस तरह के विरोध के लिए यातना के पात्र बन गए। बनर्जी ने परोक्ष रूप से भाजपा का जिक्र करते हुए कहा कि जो पार्टी लोगों को रोजगार की गारंटी नहीं दे सकती उसे वोट मांगने का कोई अधिकार नहीं है।
ममता ने आगे कहा, टीएमसी एकमात्र पार्टी है जो देश से डबल इंजन सरकार को बाहर करेगी और लोगों को एक विकल्प प्रदान करेगी। उन्होंने कहा कि त्रिपुरा में लोग सीपीआई (एम)-कांग्रेस गठबंधन को अस्वीकार करेंगे, जैसा कि बंगाल में हुआ था। ममता ने कहा कि त्रिपुरा और बंगाल में भाषा, संस्कृति और खान-पान सहित कई चीजें समान हैं।
टीएमसी प्रमुख ने कहा कि सत्ता में आने पर उनकी पार्टी बंगाल में विकास योजनाओं की शुरुआत करेगी। उन्होंने कहा, हम इस राज्य में अकेले चुनाव लड़ रहे हैं क्योंकि हम गठबंधन बनाने के लिए कोई समझौता नहीं करना चाहते। हम इस लड़ाई में लड़ने और यहां तक कि कुर्बानी देने के लिए तैयार हैं। त्रिपुरा में 60 सदस्यीय सदन के लिए चुनाव 16 फरवरी को होंगे। मतगणना दो मार्च को होगी।