दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने शुक्रवार को आप नेता और दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को आबकारी नीति मामले में 17 मार्च तक ईडी की रिमांड पर भेज दिया। दिल्ली की अदालत ने सीबीआई द्वारा जांच की जा रही भ्रष्टाचार के मामले में सिसोदिया की जमानत याचिका पर बहस भी 21 मार्च तक के लिए स्थगित कर दी। ईडी ने अपने आवेदन में आबकारी नीति मामले में सिसोदिया की 10 दिन की हिरासत मांगी थी।

सुनवाई के दौरान प्रवर्तन निदेशालय ने दिल्ली की अदालत को बताया कि मनीष सिसोदिया ने अन्य लोगों के नाम से सिम कार्ड और मोबाइल फोन खरीदे थे।  यह मनीष सिसोदिया से पूछताछ के लिए 10 दिन की हिरासत की मांग कर रहा है ताकि मॉडस ऑपरेंडी की पहचान की जा सके और अन्य लोगों को समन किया जा सके।

खुदरा विक्रेता को भारी मात्रा में लाभ दिया गया। नीति के निर्माण में त्रुटि थी। थोक विक्रेताओं को 12 प्रतिशत लाभ मार्जिन रखा गया था जो नीति के विरुद्ध था। लाभ बढ़ाने के मामले में मनीष सिसोदिया का बयान दूसरों से अलग है। उनका कहना है कि पिछली गणना के आधार पर थोक विक्रेताओं को लाभ मार्जिन दोगुना कर दिया गया था। जबकि जीओएम में ऐसी कोई चर्चा नहीं हुई, जांच एजेंसी ने अदालत में तर्क दिया। ईडी ने दावा किया कि 100 करोड़ रुपये की रिश्वत दी गई।

ईडी द्वारा सिसोदिया की गिरफ्तारी पर बोलते हुए केजरीवाल ने कहा, मनीष को पहले सीबीआई ने गिरफ्तार किया था। सीबीआई को कोई सबूत नहीं मिला, छापे में कोई पैसा नहीं मिला। कल जमानत पर सुनवाई है। मनीष को कल रिहा कर दिया जाता।


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