मोदी ने कहा कि इससे न केवल परिवहन लागत बचाने में मदद मिलेगी बल्कि ईंधन को ले जाने में कार्बन फुटप्रिंट भी कम होगा। पाइपलाइन परियोजना का निर्माण 2018 में शुरू हुआ था। यह दो पड़ोसियों के बीच पहली सीमा-पार ऊर्जा पाइपलाइन है। परियोजना की कुल 377 करोड़ रुपये की लागत में से, पाइपलाइन के बांग्लादेश खंड की 285 करोड़ रुपये की लागत भारत सरकार द्वारा अनुदान सहायता के तहत वहन की गई है।
यह पाइपलाइन उत्तरी बांग्लादेश के सात जिलों में 1 मिलियन टन प्रति वर्ष डीजल का परिवहन करेगा। पीएम मोदी ने कहा, भारत-बांग्लादेश मैत्री पाइपलाइन सितंबर 2018 में शुरू की गई थी। इस पाइपलाइन की मदद से उत्तरी पश्चिम बंगाल के जिलों को 1 मिलियन मीट्रिक टन हाई-स्पीड डीजल उपलब्ध कराया जाएगा।