प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को छत्रपति शिवाजी को बहादुरी और साहस का प्रकाश स्तंभ कहा, उन्होंने कहा कि उन्होंने गुलामी की मानसिकता को समाप्त कर दिया और उनके विचार एक भारत श्रेष्ठ भारत के दृष्टिकोण को प्रेरित करते रहे। शिवाजी के राज्याभिषेक के 350वें वर्ष के अवसर पर एक वर्चुअल संबोधन में मोदी ने कहा कि मराठा शासक ने स्वराज, धर्म, संस्कृति और विरासत को ठेस पहुंचाने की कोशिश करने वालों को कड़ा संदेश दिया, जिससे लोगों में विश्वास बढ़ा और राष्ट्रवाद का प्रचार किया।
छत्रपति शिवाजी हमें प्रेरित करते रहे। वह वीरता और साहस के प्रतीक थे और उन्होंने हमें स्वशासन दिखाया। उन्होंने गुलामी की मानसिकता को समाप्त किया। शिवाजी एक महान सैनिक होने के साथ-साथ एक महान प्रशासक भी थे। आज उनके विचारों का प्रतिबिंब हो सकता है। एक भारत श्रेष्ठ भारत के विजन में देखा जा सकता है।
प्रधानमंत्री ने कहा, यह दिन पूरे महाराष्ट्र में एक उत्सव की तरह मनाया जाता है। जब छत्रपति शिवाजी महाराज का राज्याभिषेक हुआ, तो उन्होंने स्वराज का नारा और राष्ट्रवाद का जयघोष किया और नई चेतना, नई ऊर्जा का संचार किया।
आगे बोलते हुए पीएम मोदी ने कहा कि छत्रपति शिवाजी महाराज का राज्याभिषेक उस दौर का एक अद्भुत और खास अध्याय है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय कल्याण और लोक कल्याण उनके शासन के मूल तत्व रहे हैं, चाहे वह किसान कल्याण हो, महिला सशक्तिकरण हो, या शासन को आम आदमी के लिए सुलभ बनाना हो, उनकी शासन प्रणाली और उनकी नीतियां आज भी समान रूप से प्रासंगिक हैं।
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