राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) ने मणिपुर में जारी हिंसा की निंदा करते हुए स्थिति को बेहद चिंताजनक बताया है। दक्षिणपंथी संगठन ने सरकार, स्थानीय प्रशासन, पुलिस, सुरक्षा बलों और केंद्रीय एजेंसियों से भी शांति बहाल करने के लिए तेजी से कार्रवाई करने का आह्वान किया। एक अपील में, आरएसएस के महासचिव दत्तात्रेय होसबोले ने अराजक स्थिति को समाप्त करने और जीवन की सुरक्षा और स्थायी शांति सुनिश्चित करने के लिए संवाद, निर्बाध राहत वितरण और नागरिक समाज और राजनीतिक समूहों के प्रयासों की आवश्यकता पर जोर दिया।

आरएसएस का बयान कांग्रेस द्वारा आरोप लगाए जाने के एक दिन बाद आया है कि मणिपुर आरएसएस की विचारधारा और भाजपा की राजनीति को जला रहा है। इसके महासचिव जयराम रमेश ने आरोप लगाया, आरएसएस का जाना-पहचाना दोगलापन पूरी तरह से दिख रहा है, क्योंकि इसकी विभाजनकारी विचारधारा और ध्रुवीकरण की गतिविधियां विविध पूर्वोत्तर की प्रकृति को बदल रही हैं। उन्होंने यह भी पूछा कि प्रधानमंत्री कब मणिपुर पर कुछ कहेंगे, कुछ करेंगे।

मणिपुर हिंसा: आरएसएस ने की शांति की अपील मणिपुर में पिछले 45 दिनों से लगातार हो रही हिंसा बेहद चिंताजनक है। 03 मई, 2023 को चुराचंदपुर में लाई हराओबा उत्सव के समय आयोजित विरोध रैली के बाद मणिपुर में जो हिंसा और अनिश्चितता शुरू हुई, वह निंदनीय है।

उन्होंने कहा कि यह बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है कि सदियों से आपसी सद्भाव और सहयोग से शांतिपूर्ण जीवन जीने वालों के बीच जो अशांति और हिंसा भड़क उठी, वह अब तक नहीं रुकी है। उन्होंने कहा कि आरएसएस विस्थापितों के साथ खड़ा है। भयानक दु: ख की इस अवधि के दौरान मणिपुर संकट के अन्य पीड़ितों की संख्या 50,000 से अधिक है।

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