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उल्लेखनीय है कि पहली विपक्षी बैठक के दौरान आप और कांग्रेस के बीच मतभेद उभर कर सामने आए, जब अरविंद केजरीवाल ने इस बात पर जोर दिया कि सबसे पुरानी पार्टी को दिल्ली अध्यादेश पर अपना रुख सार्वजनिक करना चाहिए, ऐसा नहीं करने पर उनकी पार्टी के लिए भविष्य की बैठकों में भाग लेना संभव नहीं होगा।
नीतीश कुमार, तेजस्वी यादव, ममता बनर्जी, अखिलेश यादव, जयंत चौधरी, एमके स्टालिन, हेमंत सोरेन, फारूक अब्दुल्ला, महबूबा मुफ्ती, शरद पवार, उद्धव ठाकरे, संजय राउत, ललन सिंह, मनोज झा, सीताराम येचुरी, डी राजा समेत ये नेता शामिल हैं। एनके प्रेमचंद्रन ने विपक्ष की बैठक में शामिल होने की पुष्टि की है।
वर्तमान लोकसभा में इन दलों की संयुक्त ताकत 543 सीटों में से 200 से भी कम है, हालांकि उनके नेताओं को उम्मीद है कि वे मिलकर भगवा पार्टी पर बाजी पलट देंगे, जिसके पास 300 से अधिक सीटों के साथ प्रचंड बहुमत है।