उत्तर प्रदेश सरकार ने प्रतियोगिता की तैयारी कर रहे छात्रों को खास तोहफा दिया है. योगी आदित्यनाथ द्वारा संचालित उत्तर प्रदेश सरकार उन लोगों को यूपीएससी सिविल सेवा और विभिन्न अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए मुफ्त कोचिंग कक्षाएं प्रदान कर रही है जो निजी कोचिंग का खर्च वहन नहीं कर सकते। मुख्यमंत्री अभ्युदय योजना के तहत कक्षाएं प्रदान की जा रही हैं। इस योजना के तहत आर्थिक रूप से कमजोर छात्र प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर सकते हैं और अपने सपनों को साकार कर सकते हैं। आइए जानते हैं क्या है ये स्कीम और कैसे उठाया जा सकता है इसका फायदा।

मुख्यमंत्री अभ्युदय योजना क्या है?
उत्तर प्रदेश सरकार ने सिविल सेवा (आईएएस), प्रांतीय सिविल सेवा (पीसीएस), राष्ट्रीय रक्षा अकादमी (एनडीए), यूपीपीएससी/अधीनस्थ सेवा चयन आयोग, संयुक्त रक्षा सेवा परीक्षा जैसी प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने वाले छात्रों को मुफ्त कोचिंग कक्षाएं प्रदान करने का निर्णय लिया है। (सीडीए), संयुक्त प्रवेश परीक्षा (जेईई) और अन्य। बता दें कि इसमें ऑनलाइन या ऑफलाइन क्लास चुनने की भी सुविधा है. ऑफलाइन कक्षाओं के लिए राज्य सरकार द्वारा जिला स्तर पर कोचिंग सेंटर भी स्थापित किये गये हैं।

कौन उठा सकता है लाभ?
इस योजना का लाभ लेने के लिए उत्तर प्रदेश का निवासी होना जरूरी है। इस योजना का लाभ केवल आर्थिक रूप से कमजोर और गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले छात्र ही उठा सकते हैं। इस योजना का लाभ उठाने के लिए, किसी को मुख्यमंत्री अभ्युदय योजना की आधिकारिक वेबसाइट bhyuday.up.gov.in पर जाना होगा और उस परीक्षा के लिए पंजीकरण करना होगा जिसमें वे उपस्थित होना चाहते हैं।

राज्य मंत्री का कहना है कि शंका समाधान के लिए हर जिले में एक केंद्र होगा
इस योजना को लेकर इंडिया टीवी ने समाज कल्याण, अनुसूचित जाति एवं जनजाति राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) असीम अरुण से बात की। राज्य मंत्री असीम अरुण ने कहा कि कोविड के दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को महसूस हुआ कि गरीब छात्रों की शिक्षा को लेकर कुछ व्यवस्था की जानी चाहिए ताकि उन्हें बिना पैसा खर्च किए अच्छी शिक्षा प्रदान की जा सके।

इसके लिए हमने मुख्यमंत्री अभ्युदय योजना शुरू की, यह योजना कोविड के दौरान ऑफलाइन थी और अब इसे हाइब्रिड यानी ऑनलाइन और ऑफलाइन मोड में आयोजित किया जा रहा है। इसके साथ ही परीक्षा अभ्यर्थियों की शंकाओं को दूर करने के लिए हर जिले में केंद्र बनाए गए हैं।

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