विधेयक के उद्देश्य के बयान में कहा गया है कि 2047 तक भारत को एक विकसित देश बनाने के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए महिलाओं की भूमिका बेहद महत्वपूर्ण है। परिसीमन शुरू होने के बाद आरक्षण लागू होगा और 15 वर्षों तक जारी रहेगा। विधेयक के अनुसार, महिलाओं के लिए आरक्षित सीटों को प्रत्येक परिसीमन अभ्यास के बाद घुमाया जाएगा।
लोकसभा में अब 181 सीटें महिलाओं के लिए आरक्षित होंगी। लोकसभा में अनुसूचित जाति की 84 सीटों में से 33% सीटें अब महिलाओं के लिए आरक्षित होंगी। लोकसभा में अनुसूचित जनजाति (एसटी) की 47 सीटों में से 33% सीटें अब महिलाओं के लिए आरक्षित होंगी। सभी राज्यों की विधानसभाओं में अब 33% निर्वाचन क्षेत्र महिलाओं के लिए आरक्षित होंगे। प्रत्येक परिसीमन प्रक्रिया के बाद लोकसभा और राज्य विधानसभाओं में महिलाओं के लिए आरक्षित सीटों का चक्रानुक्रम होगा।