राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने महिला आरक्षण विधेयक को लैंगिक न्याय के लिए सबसे परिवर्तनकारी क्रांति करार दिया है। उनकी टिप्पणी बुधवार को तब आई जब सांसद इस मामले पर लोकसभा में व्यापक चर्चा कर रहे थे। राष्ट्रपति ने कहा, यह लैंगिक न्याय के लिए हमारे समय की सबसे परिवर्तनकारी क्रांति होगी।

हमने स्थानीय निकाय चुनाव में महिलाओं के लिए न्यूनतम 33 प्रतिशत आरक्षण सुनिश्चित किया है। एक अधिक सुखद संयोग में, राज्य विधानसभाओं और राष्ट्रीय संसद में महिलाओं के लिए समान आरक्षण प्रदान करने का एक प्रस्ताव अब आकार ले रहा है। राष्ट्रपति ने कहा, यह लैंगिक न्याय के लिए हमारे समय की सबसे परिवर्तनकारी क्रांति होगी।

केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने बुधवार को महिला आरक्षण विधेयक को लोकसभा में पारित करने के लिए पेश किया और कहा कि यह एक बहुत ही महत्वपूर्ण विधेयक है और सदस्यों से इसे सर्वसम्मति से पारित करने का आग्रह किया। मंत्री ने कहा कि अगर विधेयक को पारित कराने में सर्वसम्मति बनती है तो यह वाकई अच्छा होगा।

मेघवाल ने कहा कि बिल पर चर्चा के दौरान जो भी सुझाव आएंगे उन पर सरकार विचार करेगी। उन्होंने जोर देकर कहा कि अगर संसद फैसला करती है तो महिलाओं के लिए कोटा 15 साल से आगे बढ़ाया जा सकता है।


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