राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ ने गुरुवार को कांग्रेस सांसद केसी वेणुगोपाल के उस बयान पर प्रतिक्रिया दी, जिसमें उन्होंने कहा था कि यह अपमान है कि राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति नई संसद के उद्घाटन में मौजूद नहीं थे। धनखड़ ने कहा, हम कमियों पर व्यापार नहीं कर सकते। हम दूसरों की अज्ञानता पर व्यापार नहीं कर सकते। मैं यह स्पष्ट कर दूं कि उपराष्ट्रपति और राष्ट्रपति को देश में सर्वोच्च सम्मान दिया गया है। कोई संवैधानिक उल्लंघन नहीं हुआ है।

उन्होंने आगे कहा, राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति या चेयरमैन के पद को अपेक्षा के अनुरूप उनके स्तर पर रखा जाना चाहिए और वही किया गया। और यही आपने पिछले तीन दिनों में भी देखा है। मैं आपसे अपील करूंगा कि प्रमुख विपक्षी दल के एक सदस्य, आपको अपना होमवर्क करना चाहिए। पता लगाएं। जब आप राष्ट्रपति को भी लाते हैं तो इससे अच्छा संदेश नहीं जाता है। संविधान पढ़ें और आप पाएंगे कि भूमिका स्पष्ट रूप से परिभाषित की गई है। राष्ट्रपति को संविधान के अनुसार कार्य करना होता है।

धनखड़ ने संसद के चल रहे विशेष सत्र में वेणुगोपाल को जवाब दिया। गौरतलब है कि विशेष सत्र 22 सितंबर तक चलेगा। इससे पहले दिन में, कांग्रेस के राज्यसभा सदस्य रंजीत रंजन ने पूछा कि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, एक महिला और उच्च पद संभालने वाले आदिवासी समुदाय के पहले व्यक्ति को नए संसद भवन के उद्घाटन के लिए आमंत्रित क्यों नहीं किया गया।

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