कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने रविवार को हिंदुत्व पर दो पन्नों का एक नोट पोस्ट किया, जिसका शीर्षक था - सत्यम शिवम सुंदरम। पोस्ट में लिखा है, एक हिंदू अपने अस्तित्व में होने वाले सभी बदलावों को उदारतापूर्वक करुणा और सम्मान के साथ स्वीकार करता है, क्योंकि वह जानता है कि हम सभी जीवन के इस महासागर में तैर रहे हैं। कमजोरों की रक्षा करना उसका धर्म है।

उनके पोस्ट पर प्रतिक्रिया देते हुए भारतीय जनता पार्टी की सांसद मीनाक्षी लेखी ने कहा कि चुनावी हिंदू से कोई क्या उम्मीद कर सकता है और लोग जानते हैं कि उन्होंने अपने शासन के दौरान क्या किया। उन्होंने कहा, वह करुणा की बात करते हैं, लेकिन कांग्रेस शासन में हुए जीजाजी से लेकर 2जी तक के भ्रष्टाचार पर कभी बात नहीं करते। भाजपा नेता ने कहा कि उनके शब्द कभी भी उनके काम से मेल नहीं खाते।

जीवन की कल्पना आनंद, प्रेम और भय के विशाल सागर में तैरने के रूप में करें। हम इसकी खूबसूरत लेकिन डरावनी गहराइयों में एक साथ रहते हैं, इसकी कई शक्तिशाली और लगातार बदलती धाराओं से बचने की कोशिश करते हैं। सागर में प्यार, संबंध और अपार खुशी है। लेकिन डर भी है। मृत्यु का डर, भूख, हानि, साथ ही दर्द, तुच्छता और विफलता का डर। जीवन इस खूबसूरत महासागर के माध्यम से हमारी सामूहिक यात्रा है। हम सभी एक साथ तैर रहे हैं। यह सुंदर है, लेकिन यह डरावना भी है क्योंकि इस विशाल महासागर, जिसे हम जीवन कहते हैं, से कभी कोई नहीं बच पाया है और कोई भी कभी नहीं बचेगा,गांधी की पोस्ट लिखा गया।

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