बिहार के राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर ने राज्य के नए आरक्षण विधेयक को मंजूरी दे दी है जिसमें अनुसूचित जाति (एससी), अनुसूचित जनजाति (एसटी), अत्यंत पिछड़ा वर्ग (ईबीसी) और अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के लिए कोटा बढ़ाने का प्रस्ताव है। सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा आज देर रात तक इस संबंध में राजपत्र प्रकाशित किये जाने की संभावना है।

हाल ही में शीतकालीन सत्र में नया आरक्षण बिल पास हुआ था। कल एक कार्यक्रम में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राज्यपाल से इस विधेयक को जल्द मंजूरी देने की मांग की थी। आज उनके (राज्यपाल) दिल्ली से लौटते ही विधेयक को मंजूरी दे दी गयी नए आरक्षण बिल में आरक्षण का दायरा बढ़ाकर 65 फीसदी करने का प्रावधान है। बीजेपी ने भी बिल को अपना समर्थन दिया है।

कुछ दिन पहले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राज्य में पिछड़ा वर्ग, अत्यंत पिछड़ा वर्ग और आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (ईडब्ल्यूएस) के लिए कोटा बढ़ाकर 75 फीसदी करने का प्रस्ताव रखा था। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के मुताबिक आरक्षण की सीमा 50 फीसदी से ज्यादा नहीं बढ़ाई जा सकती। ऐसे में दोनों सदनों से बिल पास होने के बाद राज्य सरकार केंद्र को प्रस्ताव भेज सकती है। नीतीश कुमार ने आज विधान परिषद में केंद्र को प्रस्ताव भेजने की भी बात कही थी।


मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा है कि अगर केंद्र द्वारा बिहार को विशेष राज्य का दर्जा नहीं दिया गया तो वह राज्यव्यापी आंदोलन शुरू करेंगे।

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