केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा ने कहा कि नागरिकता (संशोधन) अधिनियम (सीएए) का अंतिम मसौदा अगले साल 30 मार्च तक तैयार होने की उम्मीद है, साथ ही उन्होंने कहा कि कोई भी बांग्लादेश में धार्मिक उत्पीड़न करने वाले मतुआ लोगों से नागरिकता के अधिकार नहीं छीन सकता है। मंत्री की टिप्पणी रविवार (26 नवंबर) को पश्चिम बंगाल के उत्तर 24 परगना जिले के ठाकुरनगर में मटुआ समुदाय की एक सभा को संबोधित करते हुए आई।

पिछले कुछ वर्षों में सीएए को लागू करने की प्रक्रिया में तेजी आई है। कुछ मुद्दों को सुलझाया जा रहा है। मतुआओं से कोई नागरिकता का अधिकार नहीं छीन सकता। अगले साल मार्च तक सीएए का अंतिम मसौदा लागू होने के लिए तैयार होने की उम्मीद है।

सीएए 31 दिसंबर, 2014 से पहले भारत में प्रवेश करने वाले अफगानिस्तान, बांग्लादेश और पाकिस्तान से हिंदुओं, सिखों, बौद्धों, जैनियों, पारसियों और ईसाइयों को भारतीय नागरिकता प्रदान करना चाहता है। संसद में विधेयक के पारित होने के बाद देश के कई हिस्सों में विरोध प्रदर्शन शुरू हो गया था। केंद्रीय मंत्री के दावे पर प्रतिक्रिया देते हुए टीएमसी के राज्यसभा सांसद शांतनु सेन ने कहा कि बीजेपी को मतुआ और सीएए केवल चुनाव के दौरान याद आते हैं।

सेन ने दावा किया, भाजपा के झूठे दावे मतुआ और अन्य लोगों के लिए स्पष्ट हो रहे हैं। अगले साल के चुनावों में भगवा पार्टी को सभी खारिज कर देंगे। सेन ने दावा किया कि तृणमूल कांग्रेस ने देश के नागरिक के रूप में मतुआओं के अधिकारों को सुनिश्चित किया है। उन्होंने कहा, हम पूरे साल समुदाय के लिए काम करना जारी रखेंगे, बीजेपी के विपरीत जो केवल झूठे वादे करेगी।

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