संसद के अंदर और बाहर विरोध प्रदर्शन के बीच बसपा प्रमुख मायावती ने गुरुवार को विपक्षी सांसदों के निलंबन और राज्यसभा के सभापति की नकल की आलोचना की। उनका बयान ऐसे समय आया है जब इंडिया ब्लॉक के सदस्य और सरकार संसद विवाद और नकल के मुद्दे पर सुरक्षा उल्लंघन को लेकर आमने-सामने हैं।

हमारी पार्टी का मानना है कि मौजूदा संसद सत्र में करीब 150 सांसदों का निलंबन विपक्ष या सरकार के लिए कोई अच्छा काम या मील का पत्थर नहीं है। संसदीय इतिहास के लिए यह घटना बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है और लोगों के विश्वास पर आघात है। यूपी के पूर्व सीएम ने कहा, इस बीच, संसद परिसर में निलंबित सांसदों द्वारा उपराष्ट्रपति की नकल का वीडियो भी अनुचित और अशोभनीय है।

उन्होंने कहा, सरकार और विपक्ष के बीच मतभेद की ऐसी घटनाओं से लोकतंत्र और देश की संसदीय परंपराओं को शर्मसार होने से बचाना जरूरी है। विपक्ष-मुक्त संसद में आवश्यक विधेयकों का पारित होना भी एक अच्छी मिसाल नहीं है।

इंडिया ब्लॉक के सांसदों ने सांसदों के निलंबन पर अपनी बात दोहराते हुए विजय चौक से संसद तक सरकार के खिलाफ मार्च निकाला। भाजपा ने उस मिमिक्री घटना के खिलाफ भी विरोध प्रदर्शन किया जिसमें टीएमसी सांसद कल्याण बनर्जी ने राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ की नकल करते हुए इसे किसानों और संवैधानिक पद का अपमान बताया।

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