स्पुतनिक ने मंगलवार को रूसी विदेश मंत्रालय के हवाले से बताया कि दोनों मंत्री आगामी वार्ता में परिवहन, बैंकिंग और वित्तीय श्रृंखलाओं के निर्माण पर चर्चा करेंगे। बयान के अनुसार, मंत्री हिंद-प्रशांत क्षेत्र में सुरक्षा, यूक्रेन और अफगानिस्तान की स्थिति के साथ-साथ इजरायल-फिलिस्तीन टकराव पर भी चर्चा करेंगे।
मुख्य जोर टिकाऊ परिवहन, रसद और बैंकिंग और वित्तीय श्रृंखलाओं के निर्माण को बढ़ावा देने और आपसी बस्तियों में राष्ट्रीय मुद्राओं के उपयोग का विस्तार करने पर होगा। इसमें अंतरिक्ष सहित उच्च तकनीक क्षेत्रों में सहयोग के मुद्दों को छूने की योजना है और परमाणु, साथ ही आर्कटिक शेल्फ और रूसी सुदूर पूर्व पर हाइड्रोकार्बन के विकास के लिए संयुक्त परियोजनाओं का कार्यान्वयन, रूसी मंत्रालय ने कहा।
जयशंकर ने सोमवार को कहा कि वह रूस में अपने कार्यक्रमों को लेकर उत्सुक हैं, जिसमें देश में आने पर देश के नेतृत्व के साथ उनकी बैठकें भी शामिल हैं। रणनीतिक विशेषज्ञों के साथ बातचीत करते हुए उन्होंने कहा, भू-राजनीति और रणनीतिक अभिसरण भारत-रूस संबंधों को हमेशा सकारात्मक पथ पर बनाए रखेगा।