गांधी ने शहीद मैदान में एक रैली में कहा, सभी गठबंधन विधायकों (चंपई) सोरेन जी को बधाई देना चाहता हूं क्योंकि उन्होंने भाजपा-आरएसएस की साजिश को रोका और गरीबों की सरकार की रक्षा की। कांग्रेस नेता ने दावा किया कि दलितों, आदिवासियों और अन्य पिछड़े वर्गों (ओबीसी) को बंधुआ मजदूर बना दिया गया और बड़ी कंपनियों, अस्पतालों, स्कूलों, कॉलेजों और अदालतों में उनकी भागीदारी नहीं रही।
राहुल गांधी ने कहा, यह भारत के सामने सबसे बड़ा सवाल है। हमारा पहला कदम देश में जाति जनगणना कराना होगा। उन्होंने कहा, दलितों और आदिवासियों के आरक्षण में कोई कटौती नहीं होगी। मैं आपको गारंटी दे रहा हूं कि समाज के पिछड़े वर्गों को उनका अधिकार मिलेगा। यह सबसे बड़ा मुद्दा है - सामाजिक और आर्थिक अन्याय। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कहते थे कि वह ओबीसी हैं लेकिन जब जातीय जनगणना की मांग की गई तो उन्होंने कहा कि यहां केवल दो जातियां हैं- अमीर और गरीब।
उन्होंने दावा किया, जब ओबीसी, दलितों, आदिवासियों को अधिकार देने का समय आया तो मोदी जी कहते हैं कि कोई जाति नहीं है और जब वोट लेने का समय आया तो कहते हैं कि वह ओबीसी हैं। राहुल गांधी ने आरोप लगाया कि भाजपा ने झारखंड सरकार को गिराने की कोशिश की क्योंकि वह एक आदिवासी मुख्यमंत्री को स्वीकार नहीं कर सकती।