विदेश मंत्री एस जयशंकर ने यूक्रेन संघर्ष के दौरान लगाए गए प्रतिबंधों के बावजूद रूसी तेल खरीदने पर भारत के रुख की पुष्टि करते हुए कहा कि मॉस्को ने कभी भी नई दिल्ली के हितों को नुकसान नहीं पहुंचाया है और दोनों देशों ने हमेशा स्थिर और मैत्रीपूर्ण संबंध साझा किए हैं। उन्होंने रूस और चीन के प्रति यूरोपीय दृष्टिकोण पर भी बात की और वैश्विक शासन संस्थानों में सुधारों का आह्वान दोहराया।

जर्मन अखबार हैंडेल्सब्लैट को दिए इंटरव्यू में जयशंकर ने कहा, हर कोई अपने पिछले अनुभवों के आधार पर रिश्ते निभाता है। अगर मैं आजादी के बाद भारत के इतिहास को देखूं तो रूस ने कभी भी हमारे हितों को नुकसान नहीं पहुंचाया है। उन्होंने आगे इस बात पर जोर दिया कि यूरोप, अमेरिका, चीन और जापान जैसी शक्तियों के संबंधों के बीच उतार-चढ़ाव आते रहे हैं, लेकिन भारत-रूस संबंध हमेशा बहुत दोस्ताना रहे हैं।

हमारे रूस के साथ एक स्थिर और हमेशा बहुत मैत्रीपूर्ण संबंध रहे हैं। और आज रूस के साथ हमारा संबंध इस अनुभव पर आधारित है। दूसरों के लिए, चीजें अलग थीं, और संघर्षों ने रिश्ते को आकार दिया हो सकता है। दूसरी ओर, हमारे पास एक उदाहरण के लिए, चीन के साथ राजनीतिक और सैन्य रूप से बहुत अधिक कठिन संबंध हैं, उन्होंने आगे कहा।


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