सूत्रों ने बताया कि रावत को 29 फरवरी को देहरादून में और उनकी बहू अनुकृति को 7 मार्च को केंद्रीय एजेंसी के सामने पेश होने के लिए कहा गया है। एजेंसी ने 7 फरवरी को रावत और अन्य के परिसरों पर छापेमारी की थी।
इन तलाशी के दौरान उसने लगभग 1.20 करोड़ रुपये के भारतीय और विदेशी मुद्रा नोट, सोना और भारी भरकम दस्तावेज जब्त किए। एक दिन बाद संघीय एजेंसी द्वारा जारी एक आधिकारिक बयान में यह नहीं बताया गया कि कहां से क्या बरामद किया गया। ईडी ने कहा था कि इन लोगों के खिलाफ उसकी जांच राज्य में दर्ज दो अलग-अलग एफआईआर से शुरू हुई है।
ईडी की जांच रावत के करीबी सहयोगी बीरेंद्र सिंह कंडारी, भारतीय वन सेवा (आईएफओएस) अधिकारी और पूर्व डीएफओ किशन चंद और पूर्व वन रेंज अधिकारी बृज बिहारी शर्मा के खिलाफ है। 63 वर्षीय रावत राज्य के पूर्व वन मंत्री हैं और उन्होंने 2022 के उत्तराखंड विधानसभा चुनावों से पहले भाजपा छोड़ दी थी और कांग्रेस पार्टी में शामिल हो गए थे।