उत्तर रेलवे के एक प्रवक्ता ने प्रारंभिक जानकारी का हवाला देते हुए कहा कि ट्रेन ड्राइवर बदलने के लिए जम्मू के कठुआ रेलवे स्टेशन पर रुकी थी और ऐसा लगता है कि यह जम्मू-जालंधर खंड पर ढलान वाले ट्रैक पर लुढ़कने लगी। अधिकारियों ने कहा कि दोनों ड्राइवर- लोको पायलट और सहायक लोको पायलट- मालगाड़ी में सवार नहीं थे।
उन्होंने बताया कि रास्ते में ट्रेन की गति बढ़ती गई और आखिरकार वह पंजाब के ऊंची बस्सी रेलवे स्टेशन के पास एक खड़ी ढलान पर रुक गई। जम्मू के डिविजनल ट्रैफिक मैनेजर प्रतीक श्रीवास्तव ने मीडिया को बताया कि घटना का सही कारण जानने के लिए जांच शुरू कर दी गई है। प्रथम दृष्टया, ऐसा लगता है कि ट्रेन बिना ड्राइवर और उसके सहायक के पंजाब की ओर ढलान पर लुढ़कने लगी।
उन्होंने कहा कि ट्रेन 70 किमी से अधिक की दूरी तय करने के बाद ऊंची बस्सी के पास खड़ी ढलान के कारण रुक गई। अधिकारियों ने बताया कि रेत की बोरियों की मदद से ट्रेन को सफलतापूर्वक रोका गया।