हम धारा 20(3)(ए) के तहत सीबीआई को शिकायत में लगाए गए आरोपों के सभी पहलुओं की जांच करने और इस आदेश की प्राप्ति की तारीख से छह महीने की अवधि के भीतर जांच रिपोर्ट की एक प्रति जमा करने का निर्देश देते हैं। आदेश में कहा गया, सीबीआई को हर महीने जांच की स्थिति के संबंध में आवधिक रिपोर्ट भी दाखिल करनी होगी।
पिछले साल दिसंबर में, महुआ मोइत्रा को अनैतिक आचरण के लिए लोकसभा से निष्कासित कर दिया गया था, जिसके बाद उन्होंने अपने निष्कासन को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट का रुख किया।
उन्हें पार्टी ने पश्चिम बंगाल की कृष्णानगर लोकसभा सीट से दोबारा अपना उम्मीदवार बनाया है। लोकपाल का निर्देश भाजपा के लोकसभा सदस्य निशिकांत दुबे की शिकायत पर फैसला करते समय आया, जिसमें आरोप लगाया गया था कि मोइत्रा ने दुबई स्थित व्यवसायी दर्शन हीरानंदानी से नकदी और उपहारों के बदले में संसद के निचले सदन में सवाल पूछे थे।