यह स्थगन एक महत्वपूर्ण मोड़ पर आया है, जब भारत चुनाव के चरणों से गुजर रहा है, और भूटानी प्रधानमंत्री त्शेरिंग टोबगे की हालिया यात्रा के करीब है। दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने के लिए प्रस्तावित पीएम की यात्रा को लेकर काफी उम्मीदें थीं।
नियोजित यात्रा के दौरान, गेलेफू कनेक्टिविटी परियोजना और द्विपक्षीय सहयोग सहित विभिन्न विषयों पर चर्चा होने की उम्मीद थी। इसके अतिरिक्त, चीन-भूटान सीमा मुद्दे पर बातचीत की उम्मीद थी। यह यात्रा भारत की पड़ोसी प्रथम नीति के अनुरूप है, जो नियमित उच्च स्तरीय आदान-प्रदान और पड़ोसी देशों के साथ संबंधों को मजबूत करने पर जोर देती है।