केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सोमवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भाजपा सरकार किसी को भी मणिपुर को विभाजित नहीं करने देगी, उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार की प्राथमिकता जातीय संघर्ष प्रभावित पूर्वोत्तर राज्य में शांति स्थापित करना है। सोमवार को इम्फाल में एक सार्वजनिक रैली को संबोधित करते हुए केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा, सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि कोई कितनी भी कोशिश कर ले- हम मणिपुर को टूटने नहीं देंगे।

उन्होंने आगे कहा कि लोकसभा चुनाव मणिपुर को तोड़ने वाली ताकतों और इसे एकजुट रखने वाली ताकतों के बीच है। उन्होंने कहा, यह चुनाव मोदी को तीसरी बार प्रधानमंत्री बनाने के लिए है। यह चुनाव कांग्रेस और भाजपा के बीच नहीं है, बल्कि उन ताकतों के बीच है जो मणिपुर को तोड़ने की बात करते हैं और जो मणिपुर को एकजुट रखना चाहते हैं, शाह ने कहा।

शाह ने यह भी आरोप लगाया कि पूर्वोत्तर राज्य की जनसांख्यिकी को बदलने के लिए घुसपैठ के प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा, सभी समुदायों को साथ लेकर और राज्य को तोड़े बिना मणिपुर में शांति स्थापित करना नरेंद्र मोदी सरकार की प्राथमिकता है। गृह मंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि पूर्वोत्तर और मणिपुर का परिवर्तन पूरे देश की नियति में महत्वपूर्ण बदलाव लाएगा। कांग्रेस के पास मणिपुर को विभाजित करने का एजेंडा है। लेकिन मैं कहना चाहता हूं कि किसी में भी मणिपुर को बांटने की हिम्मत नहीं है।

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