दिल्ली उच्च न्यायालय ने धार्मिक देवताओं और पूजा स्थलों के नाम पर कथित तौर पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के लिए वोट मांगने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अयोग्य घोषित करने के लिए भारत के चुनाव आयोग (ईसीआई) को निर्देश देने की मांग वाली याचिका सोमवार को खारिज कर दी।

याचिका खारिज करते हुए अदालत ने कहा कि याचिका पूरी तरह से गलत है और अदालत ईसीआई को किसी भी शिकायत पर विशेष दृष्टिकोण अपनाने का निर्देश नहीं दे सकती।

याचिकाकर्ता ने दावा किया कि उत्तर प्रदेश के पीलीभीत में पीएम मोदी द्वारा दिए गए भाषण में उन्होंने मतदाताओं से हिंदू देवी-देवताओं और हिंदू पूजा स्थलों के साथ-साथ सिख देवताओं और सिख पूजा स्थलों के नाम पर उनकी पार्टी को वोट देने की अपील की।

चुनाव आयोग की ओर से पेश वकील सिद्धांत कुमार ने याचिका का विरोध करते हुए कहा कि वह रोजाना ऐसे आवेदनों से निपट रही है और कानून के मुताबिक कार्रवाई करेगी। उन्होंने अभ्यावेदन दाखिल कर दिया है और हम इस पर कार्रवाई करेंगे। आयोग एक संवैधानिक संस्था है।

न्यायमूर्ति सचिन दत्ता की पीठ ने कहा कि याचिकाकर्ता मानता है कि एमसीसी का उल्लंघन हुआ है। यह सर्वथा अनुचित है। याचिका तथ्यहीन होने के कारण खारिज की जाती है।


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