संदिग्ध उग्रवादियों ने सोमवार को कांगपोकपी जिले में मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह के अग्रिम सुरक्षा काफिले पर घात लगाकर हमला किया। जब हमला हुआ तब काफिला हिंसा प्रभावित जिरीबाम जिले की ओर जा रहा था। सुरक्षा बलों के वाहनों पर कई गोलियां चलाई गईं। सुरक्षाकर्मियों ने जवाबी कार्रवाई की और राष्ट्रीय राजमार्ग 53 पर कोटलेन गांव के पास गोलीबारी जारी रही। समाचार एजेंसी पीटीआई की रिपोर्ट के अनुसार, पुलिस रिपोर्ट के अनुसार, घात लगाकर किए गए हमले के दौरान कम से कम एक सुरक्षाकर्मी को गोली लग गई।
सीएम के दौरे का संदर्भ
मुख्यमंत्री बीरेन सिंह, जो दिल्ली से इंफाल लौट रहे थे, ने हाल की हिंसक घटनाओं के बाद स्थिति का आकलन करने के लिए जिरीबाम जाने की योजना बनाई थी। शनिवार को संदिग्ध उग्रवादियों ने जिरीबाम में दो पुलिस चौकियों, एक वन बीट कार्यालय और कम से कम 70 घरों को आग लगा दी।
हिंसा की पृष्ठभूमि
यह हमला क्षेत्र में बढ़ती हिंसा के बीच हुआ है। 6 जून को कई हफ्तों से लापता 59 वर्षीय मैतेई किसान सोइबम शरतकुमार सिंह का शव मिलने के बाद तनाव बढ़ गया। इससे हिंसा में वृद्धि हुई और सुरक्षा उपायों को बढ़ाने की मांग की गई।
असम में शरणार्थी संकट
अशांति ने पड़ोसी असम को भी प्रभावित किया है, जहां विभिन्न जातीय पृष्ठभूमि के लगभग 600 लोगों ने मणिपुर में हिंसा से भागकर कछार जिले के लखीपुर में शरण ली है।
जिरीबाम का सामरिक महत्व
इम्फाल से 220 किमी दूर स्थित जिरीबाम, असम की सीमा से लगे एक रणनीतिक प्रवेश द्वार के रूप में कार्य करता है और राष्ट्रीय राजमार्ग -37 से गुजरता है। यह क्षेत्र कई कुकी गांवों का घर है, जिससे चल रहे संघर्ष के बीच इसका महत्व और भी बढ़ गया है।