स्कैम अलर्ट! फर्जी फोन डीएक्टिवेशन कॉल के जरिए 11 लाख रुपये की ठगी

भारत में एक नया घोटाला सामने आ रहा है जहां घोटालेबाज व्यक्तियों को उनके सिम कार्ड के अवैध उपयोग के बारे में धमकी देकर पैसे ले रहे हैं। नवीनतम पीड़ित, हैदराबाद निवासी 31 वर्षीय व्यक्ति को भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के अधिकारियों के रूप में प्रस्तुत करने वाले धोखेबाजों से कॉल आने के बाद 11.20 लाख रुपये का नुकसान हुआ।

हैदराबाद घोटाले का विवरण
घोटाला तब शुरू हुआ जब पीड़ित को एक अज्ञात व्यक्ति का फोन आया जिसने दावा किया कि उसका मोबाइल नंबर ब्लॉक होने का खतरा है। कॉल करने वाले ने आगे धमकी दी कि उसके नाम पर एक और सिम कार्ड जारी किया गया है, जो मुंबई पुलिस में दर्ज उत्पीड़न मामले से जुड़ा है। स्थिति को वैध दिखाने के लिए, धोखेबाजों ने स्काइप के माध्यम से कथित 'मुंबई पुलिस' को कॉल भेज दी।

इस कॉल पर पीड़ित को बताया गया कि वह जेट एयरवेज के संस्थापक नरेश गोयल से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले से जुड़ा है। कथित पुलिस अधिकारियों ने दावा किया कि उसके खिलाफ गिरफ्तारी वारंट और फ्रीजिंग आदेश जारी किए गए थे, और सुप्रीम कोर्ट के निरीक्षण के लिए उसके बैंक खाते के विवरण की आवश्यकता थी। जालसाजों ने स्थिति को और भी तनावपूर्ण बना दिया और पीड़ित को मामले के बारे में किसी को भी न बताने की चेतावनी दी

दबाव और कई कॉल आने पर पीड़ित ने दो किस्तों में 11.20 लाख रुपये ट्रांसफर कर दिए। जब घोटालेबाजों ने "प्रक्रिया" के लिए अतिरिक्त 2 लाख रुपये की मांग की, तो पीड़ित को संदेह हुआ। फिर उसने अपने परिवार को पूरी बात बताई, जिन्होंने उसे अधिकारियों को घटना की रिपोर्ट करने की सलाह दी।

जाँच पड़ताल
पीड़ित ने हैदराबाद साइबर क्राइम पुलिस से शिकायत की, जिसने मामले की जांच शुरू कर दी है। यह मामला परिष्कृत घोटालों की बढ़ती प्रवृत्ति का एक हिस्सा है जहां घोटालेबाज पीड़ितों को हेरफेर करने के लिए भय, तात्कालिकता और आधिकारिक-सी लगने वाली धमकियों का लाभ उठाते हैं।

घोटालों से कैसे सुरक्षित रहें
प्रामाणिकता की दोबारा जांच करें: संवेदनशील जानकारी या तत्काल वित्तीय लेनदेन के बारे में पूछने वाले किसी भी कॉलर की पहचान सत्यापित करें।
आधिकारिक प्रोटोकॉल जानें: ट्राई या पुलिस जैसे संगठन फोन पर व्यक्तिगत या वित्तीय जानकारी का अनुरोध नहीं करेंगे।
अत्यावश्यक जाल से बचें: घोटालेबाज त्वरित निर्णय लेने के लिए अत्यावश्यकता की भावना पैदा करते हैं। कार्य करने से पहले कुछ समय सोचें और विश्वसनीय व्यक्तियों से परामर्श लें।
व्यक्तिगत जानकारी को सुरक्षित रखें: अज्ञात कॉल करने वालों के साथ कभी भी व्यक्तिगत, बैंकिंग या संवेदनशील जानकारी साझा न करें।
संदिग्ध गतिविधि की रिपोर्ट करें: यदि आपको किसी घोटाले का संदेह है, तो तुरंत स्थानीय पुलिस या साइबर अपराध इकाई से संपर्क करें। रिपोर्टिंग से दूसरों को समान योजनाओं का शिकार होने से रोकने में मदद मिल सकती है।
सूचित और सतर्क रहने से इन बढ़ते परिष्कृत घोटालों से बचाव में मदद मिल सकती है।

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