एक महत्वपूर्ण कानूनी घटनाक्रम में, सुप्रीम कोर्ट ने आज दिल्ली शराब नीति मामले में मनीष सिसोदिया को जमानत दे दी। आरोपी के हाई-प्रोफाइल स्वभाव के कारण मामले पर कड़ी नजर रखी जा रही है, जो पहले दिल्ली के उपमुख्यमंत्री के रूप में कार्यरत था।

दिल्ली शराब नीति मामले में गिरफ्तार किए गए मनीष सिसोदिया पिछले 16 महीने से जेल में बंद हैं। गिरफ्तारी के बाद उन्होंने मंत्री पद से भी इस्तीफा दिया था।

सुप्रीम कोर्ट ने सिसोदिया को 10-10 लाख रुपये के दो मुचलकों पर जमानत दी है। अदालत ने उन्हें पासपोर्ट सरेंडर करने, हर हफ्ते सोमवार को जांच अधिकारी को रिपोर्ट करने और गवाहों को प्रभावित नहीं करने की शर्त पर जमानत दी है।

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि निचली अदालत और हाईकोर्ट अक्सर इस बात को नहीं समझते कि बेल को रूल और जेल को अपवाद माना जाता है। इस वजह से सुप्रीम कोर्ट में जमानत याचिकाओं की बड़ी संख्या आती है। न्यायिक प्रक्रिया को ही दंड नहीं बनाया जाना चाहिए। आरोपी का समाज मे गहरा आधार है।उसके फरार होने का अंदेशा नहीं है. निचली अदालत जमानत की शर्तें तय कर सकती है। सबूत मिटाने की आशंका पर भी शर्ते तय की जाएं।


Find out more: