पॉस्को कोर्ट ने आरोपी नफीस चिश्ती, नसीम उर्फ टार्जन, सलीम चिश्ती, इकबाल भाटी, सोहेल गनी, सैयद जमीन हुसैन को अपराध का दोषी पाया। आरोपियों ने 1992 में अजमेर के मशहूर मेयो कॉलेज की 100 से ज्यादा छात्राओं के साथ सामूहिक दुष्कर्म किया था और उनकी तस्वीरें लेकर उन्हें ब्लैकमेल किया था. इस कांड के 4 आरोपी पहले ही अपनी सजा काट चुके हैं. कोर्ट द्वारा दोषी करार दिए जाने के बाद पुलिस ने सभी आरोपियों को अपनी हिरासत में ले लिया है.
18 आरोपियों का क्या हुआ?
जानकारी के मुताबिक, 32 साल पहले हुए इस सेक्स स्कैंडल में कुल 18 आरोपी थे. 9 को पहले ही सजा सुनाई जा चुकी है, एक आरोपी ने आत्महत्या कर ली और एक अन्य पर अदालत ने एक लड़के से छेड़छाड़ का आरोप लगाया। कोर्ट ने एक आरोपी को भगोड़ा घोषित कर दिया था. बाकी लोगों को आज कोर्ट ने दोषी करार दिया है.
साथ ही आपको बता दें कि इस मामले में 6 आरोपियों ने इसी साल जुलाई में अपना ट्रायल पूरा कर लिया था. फैसला 8 अगस्त को सुनाया जाना था लेकिन कोर्ट इस मामले में आज अपना फैसला सुनाएगी.
आरोपी पहुंचे हाईकोर्ट
मामले में उम्रकैद की सजा पाए 8 आरोपियों ने डीजे कोर्ट के फैसले के खिलाफ हाई कोर्ट में अपील की थी. साल 2001 में कोर्ट ने सेक्स स्कैंडल में 4 आरोपियों को बरी कर दिया जबकि बाकी चार की सजा बरकरार रखी.
चार ने उच्चतम न्यायालय में अपील की
ऐसे में बाकी चार आरोपियों ने सुप्रीम कोर्ट में अपील की. सुप्रीम कोर्ट ने मामले में अपना फैसला सुनाया और 2003 में चारों की सजा को आजीवन कारावास से घटाकर 10 साल कर दिया। चूंकि आरोपी पहले ही 10 साल की जेल की सजा काट चुके थे, इसलिए सभी को जेल से रिहा कर दिया गया।