झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम) नेता चंपई सोरेन शुक्रवार को केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान, असम के सीएम हिमंत बिस्वा सरमा और झारखंड बीजेपी अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी की मौजूदगी में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) में शामिल हो गए। बुधवार को उन्होंने यह दावा करते हुए झामुमो से इस्तीफा दे दिया कि झामुमो की “वर्तमान कार्यशैली और नीतियों” ने उन्हें वह पार्टी छोड़ने के लिए मजबूर किया जिसकी उन्होंने कई वर्षों तक सेवा की। उन्होंने राज्य विधानसभा के विधायक और झारखंड मंत्रिमंडल में मंत्री पद से भी इस्तीफा दे दिया।

पार्टी सुप्रीमो शिबू सोरेन को लिखे पत्र में वरिष्ठ आदिवासी नेता ने कहा कि झामुमो की वर्तमान कार्यशैली और उसकी नीतियों से व्यथित होकर उन्हें पद छोड़ने के लिए मजबूर होना पड़ा। उन्होंने कहा, ''मैंने कभी सपने में भी नहीं सोचा था कि मैं झामुमो छोड़ दूंगा, एक ऐसी पार्टी जो मेरे लिए एक परिवार की तरह है...अतीत की घटनाओं ने मुझे बहुत पीड़ा के साथ यह निर्णय लेने के लिए मजबूर किया...मुझे दुख है उन्होंने पत्र में कहा, ''पार्टी अपने सिद्धांत से भटक गई है.'' उन्होंने इस बात पर अफसोस जताया कि पार्टी में अपना दर्द व्यक्त करने के लिए कोई मंच नहीं बचा है और आप (शिबू सोरेन) खराब स्वास्थ्य के कारण राजनीति में सक्रिय नहीं हैं, लेकिन आप मेरे मार्गदर्शक बने रहेंगे।

मनी लॉन्ड्रिंग मामले में ईडी द्वारा गिरफ्तारी के बाद हेमंत सोरेन ने सीएम पद से इस्तीफा देने के तुरंत बाद 2 फरवरी को चंपई सोरेन झारखंड के मुख्यमंत्री बने। चंपई ने पद छोड़ दिया और जमानत पर रिहा होने के बाद जुलाई में हेमंत ने फिर से सीएम पद की शपथ ली।

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