संजौली मस्जिद को लेकर क्या है पूरा विवाद?
मस्जिद का विस्तार करने के उद्देश्य से इसके परिसर में 2007 के बाद निर्माण कार्य शुरू हुआ था. साल 2010 में मस्जिद को अवैध बताते हुए इसके खिलाफ मामला दर्ज किया गया. हालांकि, पिछले 14 वर्षों में मस्जिद पर चार नई मंजिलें जोड़ी गईं. नगर निगम द्वारा इस मामले की 44 बार सुनवाई की गई, लेकिन कोई समाधान नहीं निकला. पिछले महीने कुछ लोगों के एक समूह ने दावा किया कि उनकी जमीन पर मस्जिद का विस्तार किया जा रहा है और इसे लेकर दो समुदायों के बीच संघर्ष की स्थिति उत्पन्न हुई. इस विवाद के बाद यह पांच मंजिला मस्जिद स्थानीय और राजनीतिक चर्चा के केंद्र में आई.
गत 30 अगस्त को अल्पसंख्यक समुदाय के आधा दर्जन लोगों ने कथित तौर पर मल्याणा इलाके में व्यापारी यशपाल सिंह और कुछ अन्य पर रॉड और लाठियों से हमला किया, जिसमें से चार घायल हो गए. व्यवसायी यशपाल सिंह कथित तौर पर शिमला के पास कसुम्पटी विधानसभा के मल्याणा के रहने वाले हैं. गुलनवाज (32), सारिक (20), सैफ अली (23), रोहित (23), रिहान (17) और समीर (17) और रिहान के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है. पांच आरोपी उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर के रहने वाले हैं, जबकि रिहान देहरादून का रहने वाला है.
हमले के बाद हिंदू संगठनों का विरोध प्रदर्शन
हिंदू संगठनों ने पिछले हफ्ते हिमाचल प्रदेश विधानसभा के पास स्थित चौरा मैदान में मस्जिद के अवैध निर्माण को गिराने की मांग करते हुए बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन शुरू किया. लोग संजौली के बाहर के इलाके मल्याणा में इकट्ठा हुए. उनका दावा था कि मस्जिद की चार मंजिलें अवैध हैं. 10 साल हो गए, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई. उन्होंने अवैध मस्जिद को तुरंत ढहाने की मांग की. हिमाचल की कांग्रेस सरकार में ग्रामीण विकास मंत्री अनिरुद्ध सिंह ने भी आरोप लगाया कि संजौली में मस्जिद का निर्माण अवैध रूप से किया गया है. उन्होंने इसके निर्माण की जांच की मांग की.