मकर संक्रांति का त्यौहार खुशियों का त्यौहार है। सूर्य के मकर राशि में प्रवेश करने से मकर संक्राति का त्यौहार शुरू हो जाता है। कहा जाता है कि इस दिन दिव्यलोक में देवताओं का दिन शुरु होत है जिसे उत्तरायण काल को देवताओं का दिन और दक्षिणायन को रात माना जाता है। आपको बता दें कि इस बार सूर्य और बुध एक साथ आ रहे है और बुध आदित्य योग बना रहे हैं। उत्तरफागनी नक्षत्र होने से वर्धमान नाम का शुभ योग बन रहा है। इस दिन तिल से सूर्य देव की पूजा की जाती है और दूसरे दिन तिल का सेवन किया जाता है। कहा जाता है कि इस दिन विष्णु भगवान ने धरती से असुरों का सर्वनाश किया था। लेकिन इस खास दिन क्या करना चाहिए और क्या नहीं हम आपको बतान जा रहे है। किसी भी गलत का करने से बाड़ बिगड़ सकती है तो वही किसी को दान करने से आपके संसार में खुशियों की लहर दौड़ जाएगी।
क्या ना करें
इस दिन स्नान करने से पहले आपको कुछ खाना नहीं चाहिए।
गंदे और काले रंग के कपडे नहीं पहनने चाहिए।
किसी भी साधू या गरीब व्यक्ति को बगैर दान दिए नहीं भेजना चाहिए।
बासी भोजन का दान नहीं करना चाहिए।
पालिस्टक की वस्तु का प्रयोग नहीं करना चाहिए।
मांसाहारी भोजन और प्याज लहसुन नहीं खाना चाहिए।
किसी भी वृक्ष को नहीं काटना चाहिए और किसी भी जानवर का दूध नहीं निकाला चाहिए।
बड़ो का अनादर नहीं करना चाहिए।
सूर्य अस्त के बाद भोजन नहीं करना चाहिए।
लोहे की चीज का प्रयोग नहीं करना चाहिए।
किसी भी प्रकार के नशीले पदार्थ का सेवन नहीं करना चाहिए।
झूठ नहीं बोलना चाहिए।
इस दिन आपको ब्रुश, नाखुन, दाढ़ी, स्त्रीयों को बाल नहीं धुलने चाहिए।
क्या करें
गहनों को गंगा जल से धोना चाहिए और हल्दी लगा कर हनना चाहिए।
स्नान के बाद तांबे के लोटे में तिल और लाल फूल डालकर सूर्य को जल अर्पित करना चाहिए।
मकर संक्रांति के लगने के बाद से छ घंटे के अंदर दान करने से अत्याधिक लाभ प्राप्ति होती है।
बहते हुए जल में तिल और गु़ड को बहा देने से घर में सुख समृद्धि का वास होता है।
गाय को गुड और घास खिलाना चाहिए।
इस दिन झाडू को खरिदना चाहिए।
इस दिन तिल और गुड के लड्डू बनाने चाहिए और खिचड़ी बनाना, खाना और दान करना शुभ होता है।
इस दिन गंगा स्नान कर दान करना चाहिए। आप घर पर भी सभी तीर्थ स्थलों का नाम मन में रखकर भी स्नान कर सकते हैं।
स्नान करने से पहले शरीर पर तिल का उपटन लगाएं और तब स्नान करें इससे आरोग्य में वृधि होती है।
इस दिन आपको दुर्गा सप्तशती का पाठ करना चाहिए।
इस दिन ख्याल रखें की आप सबसे प्रेम से ही बातें करें।
इस दिन आपको मूंग दाल की खिचड़ी और तिल का सेवन करना चाहिए।
जब सूर्य पूर्व से उत्तर की ओर चलता है तो इस समय सिद्दी प्राप्ती होती है।
इस दिन आपको ब्राह्मण या फिर किसी गरीब को दान देना चाहिए।
तिल मिश्रत जल से स्नान, तिल के तेल का शरीर पर लगाना, पित्रों के लिए तिल युक्त जल को अर्पण करना, अग्नि में तिलों का हवन करना, ब्राह्मण या बहन बेटी को तिलों से बने पदार्थ देना, और तिल खाने से सुख समृद्धि प्राप्त होती है।
महत्वपूर्ण समय
मकर संक्रांति तिथि- 15 जनवरी 2020
शुभ मुहूर्त- सुबह 7 बजकर 19 मिनट तक
पुण्यकाल मुहूर्त- सुबह 7 बजकर 19 मिनट से दोपहर 12 बजकर 31 मिनट तक
महापुण्यकाल मुहूर्त- सुबह 7 बजकर 19 मिनट से सुबह 9 बजकर 3 मिनट तक
मुहुर्त की कुल अवधि- एक घंटा 45 मिनट
संक्रांति स्नान- प्रात काल