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कोविड -19 के कारण उसके ऑक्सीजन स्तर में गिरावट आई थी और तब से उसे एचएफएनसी (उच्च प्रवाह नाक प्रवेशनी) और एनआईवी (गैर-इनवेसिव वेंटिलेटर) पर रखा गया था। वह स्थिर थी लेकिन उसकी हालत में सुधार नहीं हुआ था। मई के अंतिम सप्ताह में उन्हें कोविड-19 निमोनिया होने के बाद अस्पताल में भर्ती कराया गया था। उस समय 91 वर्षीय मिल्खा भी इसी मोहाली अस्पताल में भर्ती थे। मिल्खा की तबीयत में सुधार हुआ तो परिवार के कहने पर उन्हें घर भेज दिया गया, लेकिन बीमार निर्मल आगे के इलाज के लिए वहीं रुक गए। उनका बेटा और भारत का इक्का-दुक्का गोल्फर बहन डॉक्टर मोना के साथ अस्पताल में डॉक्टरों के साथ समन्वय कर रहा था।
उनके परिवार ने रविवार को बाद में एक बयान जारी किया, “हमें आपको यह बताते हुए बहुत दुख हो रहा है कि श्रीमती निर्मल मिल्खा सिंह का आज शाम 4 बजे COVID के खिलाफ एक बहादुरी से संघर्ष के बाद निधन हो गया। पंजाब सरकार में महिलाओं के लिए खेल के पूर्व निदेशक और भारतीय महिला राष्ट्रीय वॉलीबॉल टीम की पूर्व कप्तान निर्मल जी ने अंत तक एक बहादुर लड़ाई लड़ी। मिल्खा परिवार की रीढ़ की हड्डी, वह 85 वर्ष की थीं। यह दुखद है कि फ्लाइंग सिख मिल्खा सिंह जी आज शाम ही हुए दाह संस्कार में शामिल नहीं हो सके क्योंकि वे अभी भी स्वयं आईसीयू में हैं। परिवार ने लड़ाई के दौरान एकजुटता और प्रार्थना के लिए सभी का आभार व्यक्त किया है, जिसने उन्हें बहादुरी से इसका सामना करने की ताकत दी।