अयोध्या में राम जन्मभूमि मंदिर के 'भव्य भूमिपूजन' समारोह से पहला प्रसाद एक दलित परिवार को दिया गया है। परिवार महाबीर का है, उन्हें 'राम चरित मानस की प्रति और तुलसी माला के साथ प्रसाद दिया गया। इसके बाद ही अयोध्या में अन्य लोगों के लिए प्रसाद का वितरण शुरू हुआ।


महाबीर वही शख्स हैं, जिनके घर प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ आए थे, जहां उन्होंने लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान भोजन भी किया था।


प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा बुधवार को भूमिपूजन किया गया। प्रधानमंत्री के अलावा, आदित्यनाथ, राज्यपाल आनंदीबेन पटेल और आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत भी मौजूद थे।


पूरे राम जन्मभूमि परिसर की गुरुवार को सफाई की गई। मंदिर का निर्माण शनिवार से शुरू होगा।



भारत में यह एक विवादित मुद्दा रहा है. इसलिए मंदिर के निर्माण की शुरुआत होने और ख़ासकर ख़ुद प्रधानमंत्री के उस कार्यक्रम में शामिल होकर मंदिर की आधारशिला रखने के कारण विदेशों में भी इस पर ख़ूब चर्चा हो रही है.



पांच अगस्‍त को प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी और मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ की मौजूदगी में मंदिर का भूमिपूजन किया गया। इसके लिए पाक अधिकृत कश्‍मीर के शारदा पीठ से भी मिट्टी लाई गई। भारत और पाकिस्‍तान की दुश्‍मनी के चलते यह इतना आसान नहीं था। पीओके में किसी भारतीय को जाने की इजाजत नहीं है। लेकिन राममंदिर के लिए शारदा पीठ की मिट्टी लाने का ये मिशन एक भारतवंशी दंपति ने ही पूरा किया वो भी चीन के पासपोर्ट पर। दंपति हांगकांग के रास्‍ते यह मिट्टी लेकर आया।



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