आज के इस आधुनिक दौर में कई मॉडर्न लड़कियों या महिलाओं को पायल पहनना पुराना फैशन लगता है, लेकिन हकीकत तो यह है कि पैरों में पहनी जाने वाली पायल सदियों से भारतीय महिलाओं के सोलह श्रृंगार का एक महत्वपूर्ण हिस्सा रहा है। खासकर, हिंदू धर्म में पायल पहने बिना महिलाओं का श्रृंगार अधूरा माना जाता है। पायल पहनने को शुभ और स्वास्थ्य के लिए लाभदायक भी माना जाता है। अगर आप उन मॉडर्न महिलाओं में से हैं जो पायल पहनने को ओल्ड फैशन से जोड़कर देखती हैं तो हम आपको बताते हैं कि यह सिर्फ श्रृंगार का ही हिस्सा नहीं है, बल्कि इससे सेहत को ये 5 लाभ भी होते हैं।
1- पैरों की खूबसूरती निखारे
सोलह श्रृंगार में शुमार पायल महिलाओं के पैरों की खूबसूरती में चार चांद लगाती है। पायल के घुंघरुओं की आवाज पुरुषों को उनकी ओर आकर्षित करती है। पैरों की खूबसूरती को निखारने के साथ ही अपने पार्टनर को रिझाने के लिए अधिकांश महिलाएं अपने पैरों में पायल जरूर पहनती हैं।
2- फैट को बढ़ने से रोके
जो महिलाएं अपने पैरों में पायल पहनती हैं उससे बेशक उनके पैरों की खूबसूरती निखर जाती है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि पायल महिलाओं के पेट और निचले अंगों में फैट बढ़ने की गति को भी रोकने में मदद करती है। इसके साथ ही यह पैरों से निकलने वाली विद्युत ऊर्जा को शरीर में संरक्षित रखती है।
3- हड्डियां होती हैं मजबूत
अगर महिलाएं सोने या चांदी की पायल अपने पैरों में पहनती हैं तो इससे उन्हें कई तरह के सेहतमंद फायदे मिलते हैं। दरअसल, जब ये पायल पैरों के संपर्क में आती है तो उसके धातु के तत्व त्वचा से रगड़कर शरीर के भीतर प्रवेश कर जाते हैं, जिससे हड्डियों को मजबूती मिलती है।
4- नकारात्मक ऊर्जा रखे दूर
हिंदू धर्म में सुहागन महिलाओं का पायल पहनना अत्यंत महत्वपूर्ण माना गया है, लेकिन वास्तु शास्त्र में भी इसका अपना एक अलग ही महत्व बताया गया है. कहा जाता है कि पायल की छनक से घर की नकारात्मक शक्तियां दूर होती हैं और दैवीय शक्तियों का वास होता है।
5- इच्छा शक्ति होती है मजबूत
कहा जाता है कि पैरों में पायल पहनने से महिलाओं की इच्छा शक्ति मजबूत होती है। यही वजह है कि अधिकांश महिलाएं अपने स्वास्थ्य की चिंता किए बगैर पूरी लगन और निष्ठा से अपने परिवार के भरण-पोषण में जुटी रहती हैं।
गौरतलब है कि चांदी की पायल पहनने से शरीर का तापमान संतुलित रहता है। आयुर्वेद के अनुसार, इंसान का सिर ठंडा और पैर गर्म होना चाहिए। ऐसे में शरीर के ऊपरी हिस्से में सोना और पैर में चांदी पहनने से सिर से उत्पन्न गर्म ऊर्जा पैरों में चली जाती है और पैरों से उत्पन्न हुई ठंडी ऊर्जा सिर में चली जाती है, जिसके चलते शरीर का तापमान संतुलित बना रहता है।